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Hindi

मन की मैलु न तन ते जाति चुल्लू – एक मुट्ठी भर पानी

पानी के बिना जीवन असंभव है। पानी इस संसार में सब कुछ को जीवन प्रदान करता है। समय की शुरुआत ही से संसार के सभी धर्मों में इसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। लगभग सभी… Read More »

मन की मैलु न तन ते जाति चुल्लू – एक मुट्ठी भर पानी

हे जीव, तू पानी के मूल्य को नहीं जानता, इसीलिए तू विलाप करता है जल ही – जीवन है

स्पष्ट रूप से पानी हमारे दैनिक जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कृषि को उपजाऊ बनाता है और जीवन और भोजन का उत्पादन करता है और लोगों के लिए आजीविका का स्रोत भी… Read More »हे जीव, तू पानी के मूल्य को नहीं जानता, इसीलिए तू विलाप करता है जल ही – जीवन है

“ਅਨਹਦ ਸੁਣਿ ਮਾਨਿਆ ਸਬਦੁ ਵੀਚਾਰੀ” नाद और अनहद नाद शब्द धुनि का ज्ञान

अनहद नाद (निरन्तर बजते रहने वाली ध्वनि) का विचार आज कई धर्मों में पाया जाता है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब नाद (शब्द, राग, धुनि) की बात करता है, परन्तु साथ ही इसे शब्द अनहद (शब्द-अनहद,… Read More »

“ਅਨਹਦ ਸੁਣਿ ਮਾਨਿਆ ਸਬਦੁ ਵੀਚਾਰੀ” नाद और अनहद नाद शब्द धुनि का ज्ञान

“ਮਾਇਆ ਮਮਤਾ ਮੋਹਣੀ” माया मन को मोह लेती है भ्रम का सिद्धांत (माया)

“हे, मेरे व्यापारी मित्र, रात की तीसरे पहर (जवानी की सुंदरता) में, तेरा मन सुंदरता और धन पर केन्द्रित है। तुझे प्रभु के नाम की याद नहीं है, जिसके द्वारा एक व्यक्ति अपने बंधन से… Read More »

“ਮਾਇਆ ਮਮਤਾ ਮੋਹਣੀ” माया मन को मोह लेती है भ्रम का सिद्धांत (माया)

“ਹਉਮੈ ਬੂਝੈ ਤਾ ਦਰੁ ਸੂਝੈ” अहंकार की समझ ही मोक्ष का द्वार है

शब्द हउमै का उपयोग अक्सर उन लोगों के लिए किया जाता है, जो गुरुमुख अर्थात् जीवन मुक्ता की दशा तक नहीं पहुंचे हैं या जिन्होंने अभी तक मुक्ति को प्राप्त नहीं किया है। सिख धर्म… Read More »

“ਹਉਮੈ ਬੂਝੈ ਤਾ ਦਰੁ ਸੂਝੈ” अहंकार की समझ ही मोक्ष का द्वार है

“इसु कलिजुग महि करम धरमु न कोई” अच्छे कर्म, जन्म और मृत्यु और ईश्वर की इच्छा

अच्छे कर्मों का सिद्धांत पुनर्जन्म और संसार-चक्र के सिद्धांत के साथ अति घनिष्ठता के साथ जुड़ा हुआ है। “जन्म-मरण में आना और जाना” (आवागमन) एक बहुत ही लोकप्रिय वाक्यांश है, जिसका उपयोग गुरुओं द्वारा जन्म… Read More »

“इसु कलिजुग महि करम धरमु न कोई” अच्छे कर्म, जन्म और मृत्यु और ईश्वर की इच्छा

“संसार रोगी नाम दारू” नाम-सिमरन

जीवन मुक्ता बनने के लिए “नाम” की अवधारणा एक अन्य महत्वपूर्ण शब्द है, जो सिख धर्म में मुक्ति या मोक्ष की प्राप्ति के लिए पाया जाता है। शब्द “नाम” अकाल पुरख (ईश्वर) के संपूर्ण स्वभाव… Read More »

“संसार रोगी नाम दारू” नाम-सिमरन

हुकम रजाई चलना, नानक लिखया नाल

हुक्म अर्थात् रज़ा या इच्छा या भाणा एक और महत्वपूर्ण अवधारणा है, जो एक व्यक्ति को अकाल पुरुख (ईश्वर) के साथ एक होने में मदद करती है। श्री गुरु नानक देव जी के अनुसार, परमेश्वर… Read More »

हुकम रजाई चलना, नानक लिखया नाल

परमेश्वर की कृपा (नदर)

कृपा के लिए उपयोग किए जाना वाला एक अरबी शब्द नदर  एक ऊँचे व्यक्ति द्वारा एक कमजोर व्यक्ति के ऊपर दिखाई गई कृपादृष्टि को संदर्भित करता है, कृपा या अनुग्रह “जीवनमुक्ता” (एक मुक्ति पाया हुआ… Read More »

परमेश्वर की कृपा (नदर)